4/02/2009

ब्लागर बन जनता को मोहने चले नेता

ब्लाग की दुनिया में भी शुरू हुआ चुनाव प्रचार
लोकसभा चुनाव में पहली बार राजनेता ब्लाग का सहारा लेकर मतदाताओं का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं। देश के करीब एक दर्जन नेता ऐसे हैं जो अपने ब्लाग के जरिये जनता का मन टटोलने की कोशिश कर रहे हैं। दिलचस्प है कि नेताओं में ब्लाग का यह चस्का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बराक ओबामा द्वारा चुनाव प्रचार करने की देखादेखी लगा है।
ब्लाग की दुनिया में इस बार लालकृष्ण आडवाणी आए हैं जो हिन्दी और अंगरेजी दोनों भाषाओँ में ब्लाग लिख रहे हैं। अभी तक वह अंगरेजी में दस और हिन्दी में आठ ब्लाग पोस्ट कर चुके हैं। आडवाणी ने ३० मार्च के अन्तिम पोस्ट में गांधीजी के सात सिद्धांतों के चर्चा की है। हिन्दी ब्लागरों की जमात में कुछ दिन पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी भी शामिल हुए। फिक्की के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा के निर्दलीय सदस्य राजीव चंद्रशेखर जमकर अंगरेजी में ब्लाग लिख रहे हैं। कर्नाटक सरकार के गृहमंत्री डा वी.एस आचार्य और ब्लागर राजनेताओं से काफी आगे हैं। तमिलनाडु विधानसभा सदस्य एम् के स्तालिन भी अपनी राय जनता को अवगत करा रहें हैं। अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी भी अंगरेजी में ब्लाग लिख रहें हैं। इसके आलावा, इसी राज्य के गृहमंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल और रायपुर लोकसभा के कांग्रेस प्रत्याशी भूपेश बग़ल भी ब्लाग के जरिये जनता से संवाद कर रहे हैं। कर्नाटक के उदूप्पी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक व भाजपा नेता के रघुपति भी अक्सर ब्लाग लिखते हैं।
ब्लागर आलोक पुराणिक का मानना है कि यह संचार माध्यम की नवीनतम व उभरती तकनीक है लेकिन खासकर युवाओं में यह काफी लोकप्रिय है। हास्य कवि और ब्लागर अशोक चक्रधर का मानना है कि देश में सबसे अधिक इन्टरनेट यूजर्स युवा हैं और वोट देने वाले भी, इस कारण वह एक ऐसा मध्यम है जिससे राजनेता जनता से सीधे संवाद कर सकेंगे। इससे उलट, विस्फोट के ब्लागर संजय तिवारी का मानना है कि जिस देश में महज ४.५ करोड़ लोग इन्टरनेट का प्रयोग करते है वहां वे किस तरह लोगों को आकर्षित कर पाएंगे।

4 comments:

Udan Tashtari said...

एक सशक्त माध्यम सबको आकर्षित करता है.

Rakesh Kumar Singh said...

सही बात है. नेताओं को बस पता चल जाना चाहिए कि 'फलां करने से वोट मिल जाएगा, या फलां करने से जनता पट जाएगी' तो वे तत्‍काल ये करना शुरू कर देंगे. आडवाणी जैसों का तो कहना ही क्‍या! हालांकि लालू या जोगीपुत्र अमित जैसे लोग तो पहले से ही इस दुनिया में हैं.
बड़ा अच्‍छा होता विनीतजी अगर आप सबके ब्‍लॉगों का लिंक भी दे देते ताकि जिनको ये लुभाने चले हैं वे भी इनके ब्लॉगों पर अपनी राय छोड़ आते. इतना तो किया ही जा सकता है. :)

prabhat gopal said...

achi jaankari rahi vineet bhai

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

yahan bhi aa gaye!