6/10/2007

घुमक्कड़नामा

घुमक्कड़ों की घुमक्कड़ी को आम लोग भले ही आवारागदीॆ कहें, लेकिन घुमक्कड़ों के लाइन के लोग समाज को काफी हद तक प्रभावित करने में सफल रहे हैं। हर तरह के जंजाल, मोह-माया को तोड कर घुमक्कड़ी की जिंदगी जीने वाले मुट्ठी भर लोगों ने काफी कम समय में ऐसी चीजें सामने परोस दी हैं कि दुनिया को नतमस्रक होना पड़ा है। भारत में बुद्ध अपने समय के सबसे बड़े घुमक्कड़ थे तो संसार के महान घुमक्कड़ चाल्सॆ डरविन के सिद्धांतों और अविष्कारों का लोहा आज भी लोग मानते हैं। जैन तीथॆंकर महावीर, शंकराचायॆ, नानकदेव, स्वामी दयानंद, कोलंबस, वास्को-डि-गामा, अश्वघोष, कालिदास, बाण, दण्डी, रविंद्रनाथ, कुमारजीत, दीपंकर सहित राहुल सांकृतायन घुमक्कड़ों में अहम स्थान रखते हैं। राहुल सांकृतायन ने तो घुमक्कड़ों को लेकर 'घुमक्कड़ शास्त्र' नामक पंद्रह प्रकरणों की पोथी ही रच डाली। जारी॰॰॰

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